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Kalonji Seeds benefits, Side Effects and How to use

कलोंजी के औषधीय गुण: जानें इसके सेवन का सही तरीका, नुकसान और रामबाण घरेलू उपाय

कलोंजी, जिसे अंग्रेज़ी में "Black Seed" या "Nigella Seeds" कहते है, आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में यह एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। इसका कई तरह की बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि त्वचा, बाल और संपूर्ण शरीर के लिए भी लाभकारी है।
आज, हम जानेंगे कलोंजी के औषधीय गुण, इसके सेवन का सही तरीका, संभावित नुकसान और कुछ बेहतरीन घरेलू नुस्खे, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

कलोंजी क्या है?

कलोंजी (Nigella Seeds), जिसे हिंदी में मंगरैला या काला जीरा भी कहा जाता है, यह एक छोटा और काले रंग का बीज है जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इसका वैज्ञानिक नाम Nigella sativa (निगेला सातिवा) है तथा भारतीय, मध्य-पूर्वी और यूनानी चिकित्सा पद्धति में इसका महत्वपूर्ण औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
कलोंजी बीज हल्के कड़वे और तीखे स्वाद के साथ सुगंधित होता है, जिसे कई व्यंजनों, अचार, ब्रेड और मसालों में डाला जाता है। लेकिन कलोंजी के बीज (निगेला सीड्स) सिर्फ स्वाद को बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है– इसे एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और इम्यूनिटी बूस्टर गुणों के लिए भी जाना जाता है।

कलोंजी के औषधीय गुण (Medicinal Benefits of Kalonji Seeds)

कलोंजी में थायमोकिनोन (Thymoquinone) नामक एक महत्वपूर्ण यौगिक तत्व पाया जाता है, जो इसे औषधीय गुणों से भरपूर बनाता है। कलोंजी के फायदे इस प्रकार हैं:

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए (Boosts Immunity)
कलोंजी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। यह सर्दी-जुकाम, बुखार और संक्रमण से बचाव करने में मदद करता है।

2. डायबिटीज को नियंत्रित करे (Controls Diabetes)
कलोंजी का सेवन रक्त में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायता करता है| यह इन्सुलिन संवेदनशीलता को बढाकर टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी (Good for Heart Health)
कलोंजी के बीज (निगेला सातिवा) में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर दिल के दौरे के खतरे को कम करता है।

4. वजन घटाने में मददगार (Aids in Weight Loss)
कलोंजी का सेवन वजन घटाने में सहायक होता है| अगर आप भी अपना वजन कम करना चाहते है, तो गुनगुने पानी के साथ कलोंजी और शहद का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर शरीर में अतिरिक्त जमा चर्बी कम करने में मदद करता है।

5. पाचन तंत्र को मजबूत करे (Improves Digestion)
कलोंजी खाने से कब्ज, एसिडिटी, अपच और गैस की समस्या को दूर करने में मदद करती है। यह आंतों को साफ रखती है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है।

6. बालों और त्वचा के लिए वरदान (Great for Hair & Skin)

  • बालों के लिए: कलोंजी का तेल बालों को घना, मजबूत और बालों को डैंड्रफ-मुक्त बनाता है। कलोंजी के तेल का उपयोग झड़ते बालों को रोकने और सफेद बालों की समस्या से बचाने में मदद करता है।
  • त्वचा के लिए: त्वचा के लिए यह एक नेचुरल मॉइस्चराइज़र की तरह काम करता है और मुंहासों, दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।

7. कैंसर से बचाव में सहायक (May Help in Cancer Prevention)
कलोंजी में एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकते हैं। इसे खासतौर पर स्तन कैंसर, लिवर कैंसर और ब्लड कैंसर में फायदेमंद माना जाता है।

6. जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में आराम
गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए कलोंजी के तेल का उपयोग किया जाता है| इसे गुनगुने पानी के साथ पीने या प्रभावित जगह पर लगाने से राहत मिलती है।

कलोंजी का सेवन कैसे करें?

कलोंजी (मंगरैल ) को कच्चा चबाकर, पानी के साथ, तेल के रूप में, या पाउडर बनाकर लिया जा सकता है। इसे दाल, सब्जी, रोटी और सलाद में भी मिलाया जाता है। कलोंजी खाने का सही तरीका इस प्रकार है: 

1. सुबह खाली पेट कलोंजी का सेवन करें 
  • 1 चम्मच कलोंजी के बीजों को शहद और गुनगुने पानी के साथ लें।
  • यह वजन घटाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है।

2. कलोंजी तेल का सेवन
  • 1 चम्मच कलोंजी तेल को नींबू पानी या गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह पिएं।
  • यह हृदय रोगों और डायबिटीज जैसी बीमारी में लाभकारी है।
  • कलोंजी के तेल का इस्तेमाल बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है| 

3. दूध के साथ कलोंजी
  • 1/2 चम्मच कलोंजी (काला जीरा) को दूध में मिलाकर पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं।
  • इसका सेवन जोड़ों के दर्द में भी राहत देता है।

4. सब्जियों और सलाद में मिलाएं
  • आप कलोंजी के बीजों को दाल, सब्जी, अचार और सलाद में मिलाकर खा सकते हैं।
  • भोजन में तड़का या मसाले के रूप में कलोंजी बीज का इस्तेमाल करें| 


कलोंजी खाने के नुकसान (Side Effects of Kalonji seeds)

हालांकि कलोंजी यानी (निगेला सीड्स) सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कलौंजी के दुष्प्रभाव भी हो सकते है: 

  • गर्भवती महिलाओं को काला जीरा का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है।
  • अत्यधिक मात्रा में कलोंजी का सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
  • कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है, जैसे खुजली, लाल चकत्ते या पेट दर्द भी हो सकता है।
  • डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है, क्योंकि यह शुगर लेवल को बहुत कम कर सकता है| 
  • सर्जरी से पहले इसका सेवन न करें, क्योंकि यह रक्त को पतला कर सकता है और ब्लीडिंग की समस्या पैदा कर सकता है| 

कलोंजी के रामबाण घरेलू उपाय (Powerful Home Remedies with Kalonji)


कलौंजी के बीज में कई पोषक तत्व पाए जाते है, कई प्रकार की बीमारियों में कलोंजी का घरेलू उपाय इस प्रकार है: 

1. सर्दी-खांसी और गले की खराश के लिए
कलौंजी तेल में अदरक का रस और शहद को मिलाकर रोज सुबह इसका सेवन करने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है| 

2. बालों के झड़ने और सफेद बाल रोकने के लिए
बालों के झड़ने और तेजी से सफ़ेद हो रहे बालों को रोकने के लिए कलोंजी के तेल में नारियल का तेल मिलाकर अपने बालों में लगाएं और 30 मिनट बाद धो लें।

3. त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए
दही में कलोंजी पाउडर को मिलाकर इसका फेस पैक की तरह उपयोग करें| 

4. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए
कलोंजी को गुनगुने पानी और शहद के साथ उपयोग में लें।

5. पाचन सुधारने के लिए
कलोंजी पाउडर को नींबू पानी में मिलाकर भोजन के बाद पीना पाचन के लिए फायदेमंद होता है| 

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निष्कर्ष (Conclusion)

कलोंजी के बिज के औषधीय गुण शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देते है, नियमित रूप से और उचित मात्रा में कलोंजी खाने के फायदे बहुत है| यह एक चमत्कारी और प्राकृतिक औषधि है, जिसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, हृदय स्वस्थ रहता है, पाचन सुधरता है और त्वचा व बालों को भी लाभ मिलता है। हालांकि, मंगरैल का सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है, नहीं तो कलौंजी के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

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