Loading...

Dry ginger holds an important place in Ayurvedic medicine. Benefits and disadvantages of dry ginger. सौंठ आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है सौंठ के फायदे और नुकसान।

सौंठ-नमस्कार दोस्तों! आज हम सौंठ के बारे में बात करने वाले हैं, जो कि अदरक का सूखा हुआ रूप हैं। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और भारतीय रसोई में भी इसका व्यापक रूप से उपयोग होता है। सौंठ पाउडर का उपयोग कई भारतीय व्यंजनों में मसाले के रूप में किया जाता है। यह चाय, करी, और मिठाइयों में स्वाद बढ़ाने के लिए डाली जाती है। सौंठ को ताजे अदरक को धूप में सुखाकर प्राप्त किया जाता है। इसके सूखने के बाद इसे पीसकर पाउडर बनाया जाता है, जिसे सौंठ पाउडर कहते हैं। सौंठ में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। विटामिन B6, विटामिन C, और विटामिन E प्रचुर मात्रा में सौंठ में पाए जाते हैं। इसके अलावा मैग्नीशियम, पोटेशियम, और कैल्शियम जैसे खनिज भी सौंठ में होते हैं। सौंठ के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें से कुछ फ़ायदों पर हम यहाँ बात करेंगे। 

सौंठ के फायदे :

1. सर्दी और खांसी में राहत: सर्दी-खासी एक ऐसी समस्या हैं, जो बदलते मौसम के साथ आ ही जाती हैं। तो सर्दी-खासी से छुटकारा पाने के लिए आप सौंठ का काढ़ा बनाकर, चाय में उबालकर या शहद में मिलाकर पी सकते हैं। ये सर्दी, खांसी और गले की खराश में राहत देता है। सौंठ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। 

2. वजन कम करने में सहायक: शरीर का वजन अगर सही हो तो अच्छा लगता हैं, लेकिन अगर ये बढ़ता ही जाए तो कई स्वास्थ्य समस्या पैदा कर देता हैं। वजन बढ़ने से मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सौंठ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और वजन कम करने में सहायक होती है। यह शरीर में अतिरिक्त वसा को घटाने में मदद करती है। तो अगर आपका भी शरीर का वजन ज्यादा हैं तो सौंठ का सेवन करें। 

3. जोड़ों के दर्द में राहत: जोड़ों के दर्द में सूखी अदरक, जिसे हम सौंठ कहते हैं काफी फायदेमंद होती हैं। सौंठ का तेल या पाउडर जोड़ो के दर्द और सूजन में राहत प्रदान करता है। यह एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है।

4. मधुमेह में फायदेमंद: सौंठ का नियमित सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है, जिससे मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है। 

5. भूख न लगने की समस्या में लाभदायक: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली की वजह से बहुत लोग खाना भी ठीक से नहीं खा पाते, क्योंकि उन्हे भूख ही नहीं लगती। तो इसके लिए सबसे बढ़िया उपाय हैं, सौंठ के साथ मिश्री का सेवन करना। अगर आप नियमित तौर पर सौंठ और मिश्री के सेवन करेंगे तो आपको भूख न लगने की समस्या में फायदा मिलेगा। 

सौंठ के संभावित नुकसान:

1. पेट में जलन और अल्सर: सौंठ का अधिक सेवन पेट में जलन और अल्सर का कारण बन सकता है। यह गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे पेट में दर्द और अपच की समस्या हो सकती है। 

2. रक्तचाप में उतार-चढ़ाव: सौंठ का अत्यधिक सेवन रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है। यह उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है और उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

3. रक्त पतला होने की संभावना: सौंठ में एंटीकोएगुलेंट गुण होते हैं, जो रक्त को पतला कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहा है, तो उसे सौंठ का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि इससे अत्यधिक रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है।

4. गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक: गर्भवती महिलाओं को सौंठ का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। सौंठ का अधिक सेवन गर्भाशय संकुचन का कारण बन सकता है, जो गर्भपात या प्री-मैच्योर डिलीवरी की संभावना को बढ़ा सकता है।

5. अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करना: सौंठ का सेवन शरीर में अत्यधिक गर्मी उत्पन्न कर सकता है, जिससे गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहले से ही गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं। 

सौंठ का सेवन कैसे करें:

सौंठ का सेवन सीमित मात्रा में करें। सामान्यतः एक दिन में 1-2 ग्राम सौंठ पाउडर का सेवन सुरक्षित माना जाता है। यदि आप किसी चिकित्सा स्थिति से ग्रस्त हैं या गर्भवती हैं, तो सौंठ का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। सौंठ का सेवन हमेशा भोजन के साथ करें ताकि इसका प्रभाव अधिक न हो और पाचन तंत्र पर कम दबाव पड़े।

Also Watch This Video 

You May Also Like

We are in Mentinance

Don't order now because your order will be canceled