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Use of Punarnava root (पुनर्नवा जड़ का उपयोग)

पुनर्नवा जड़ :- पुनर्नवा जड़ का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है और पुनर्नवा जड़ कई स्वास्थ्य लाभ के लिए जानी जाती है। यह जड़ भारत में पाई जाती है और प्राकृतिक रूप से कई आयुर्वेदिक औषधियों में पुनर्नवा जड़ प्रयोग किया जाता है। पुनर्नवा स्वाद में कड़वा, तीखा, कसैला और खारा होता है। यह वायु, कफ, सूजन, खांसी, बवासीर, पीलिया आदि रोगों से छुटकारा दिलाता है।

वैज्ञानिक नाम (Botanical Name):- Boerhaavia diffusa

पुनर्नवा जड़ के फायदे:

* शारीरिक स्वस्थता: पुनर्नवा जड़ शारीरिक ताकत को बढ़ाने में मदद करती है और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाती है।

* विषमता की समस्याओं में लाभ: पुनर्नवा जड़ का उपयोग विषमता की समस्याओं, जैसे कि एर्द्रता और गले की जलन में लाभकारी है।

* गुर्दे की स्वस्थता: यह गुर्दे की स्वस्थता को बढ़ावा देने में मदद करता है और किडनी के संक्रमण को कम करने में मदद करता है।

पुनर्नवा जड़ का उपयोग:

* तेल: पुनर्नवा के तेल को सेहत के हिसाब से सेवन कर सकते हैं।

* काढ़ा: सेहत के हिसाब से देखा जाये तो पुनर्नवा का काढ़ा भी काफी फायदेमंद है 

पुनर्नवा पाउडर भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसके कई फायदे हो सकते हैं, और कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यह विभिन्न रूपों में उपलब्ध होता है, जैसे कि पाउडर, कैप्सूल और काढ़ा।

पुनर्नवा पाउडर के फायदे:

* गर्म पानी में मिलाकर पीना: पुनर्नवा पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीने से काफी मात्रा में लाभ होता है।

* मूत्र विशेषज्ञता का समर्थन: पुनर्नवा पाउडर का उपयोग मूत्र विशेषज्ञता को समर्थन करने में किया जाता है और गुर्दे के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

* त्वचा की सफाई: पुनर्नवा पाउडर का उपयोग त्वचा की सफाई और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।

* मुंहासों का इलाज: पुनर्नवा पाउडर मुंहासों और त्वचा के इरिटेशन को कम करने में मदद करता है।

* पाचन की सुधार: पुनर्नवा पाउडर का उपयोग पाचन के सुधार में मदद करता है।

पुनर्नवा पाउडर के नुकसान:

* गर्भावस्था: यदि आप गर्भवती है तो आपको पुनर्नवा पाउडर का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

* उच्च रक्तचाप: पुनर्नवा पाउडर का सेवन उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है।

पुनर्नवा से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल  :-

1. पुनर्नवा का देसी नाम क्या है?

पुनर्नवा को शोधहीन के नाम से भी जाना जाता है पुनर्नवा प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु में नए निकलते हैं व ग्रीष्म में सूख जाते हैं।  

2. पुनर्नवा कितने प्रकार की होती है?

 यह दो प्रकार का होता है लाल और सफेद  पुनर्नवा का बहुवर्षायु शाक भारतवर्ष में वर्षा ऋतु में सब जगह उत्पन्न होता है। इसकी दो जातियां लाल और सफेद पाई जाती हैं। इनमें रक्त जाति वनस्पति का प्रयोग अधिकता से औषधि के रूप में किया जाता है। इसका कांड पत्र एवं पुष्प सभी रक्त वर्ण के होते हैं।

3. पुनर्नवा कितने दिन पीना चाहिए?

मानव को अपना दिल स्वस्थ रखने के लिए पुनर्नवा के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आपको दिन में 1 बार 4-5 ग्राम पुनर्नवा चूर्ण का सेवन पानी के साथ करना है। इससे  आपके दिल की सेहत दुरुस्त बनी रहेगी।

4. क्या पुनर्नवा के साइड इफेक्ट होते हैं?

पुनर्नवा का कम मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए | अभी तक इसका कोई साइड इफेक्ट तो देखने को नही मिला है लेकिन जरुरत से ज्यादा इसका उपयोग नही करना चाहिए |

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