What is Chirata? It's Benefits and Side effects
चिरायता क्या होता है? इसके आयुर्वेदिक उपयोग, फायदे, नुकसान और घरेलू उपाय
चिरायता का परिचय (Introduction of Swertia Chirata)
चिरायता क्या होता है? (What is Chirayta)
चिरायता एक बहुवर्षीय जड़ी-बूटी है, जो मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्र, नेपाल, भूटान और भारत के कुछ राज्यों (जैसे कि: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम) में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Swertia Chirata है और यह Gentianaceae परिवार से संबंधित है। इसका पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है|
चिरायता का पौधा लगभग 3-4 फीट ऊँचा होता है, चिरायता की पत्तियाँ लंबी और फूल हल्के बैंगनी रंग के होते हैं। इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि, इसका स्वाद अत्यधिक कड़वा है, जो इसे औषधीय दृष्टि से अत्यंत ही प्रभावी बनाता है।
चिरायता बीज क्या होता है? (What is Chirata Seed)
चिरायता का बीज (Chirata Seeds) भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि इसकी पत्तियां और तना होता है। चिरायता के बीज का उपयोग नए पौधे उगाने के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। चिरायता के बीज छोटे, भूरे-काले रंग के होते हैं और चिरायता के औषधीय गुण भी होते हैं। इसके बीजों को सुखाकर दवाओं, हर्बल काढ़ों और घरेलू उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। चिरायता के बीज का प्रयोग मुख्य रूप से डिटॉक्सिफिकेशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
स्वर्टिया चिरायता के आयुर्वेदिक उपयोग क्या है? (What are the Ayurvedic Use of Swertia Chirata)
आयुर्वेद में चिरायता का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है| यह विशेष रूप से ज्वरघ्न (बुखार को ठीक करने), रक्तशोधक (ब्लड प्यूरिफायर में), दीपक (भूख बढ़ाने वाला) और कृमिनाशक (पेट के कीड़े को खत्म करने वाला) माना जाता है।
बुखार में लाभकारी:
चिरायता में एंटी-पीरैटिक (बुखार को कम करने वाले) गुण होते हैं, जो डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर संबंधित बीमारियों में फायदेमंद साबित होता हैं।
यह शरीर के तापमान को संतुलित करता है और संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
लीवर को स्वस्थ रखने में सहायक है:
- चिरायता लीवर की सफाई करने में और जिगर से विषाक्त पदार्थों (toxins) को बाहर निकालने में मदद करता है।
- हेपेटाइटिस, फैटी लीवर और पीलिया (Jaundice) जैसे- उपचार में इसका उपयोग किया जाता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार:
- चिरायता ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
- चिरेटा इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) को बढ़ाता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज का स्तर संतुलित रहता है।
पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद:
- चिरायता का सेवन कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी को दूर करने में मदद करता है।
- यह कृमिनाशक (Anthelmintic) के गुणों से भरपूर होता है, जिससे पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद मिलती है।
त्वचा रोगों का इलाज:
- चिरायता रक्त को शुद्ध करके त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और खुजली को दूर करने में मदद करता है।
- यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है।
हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है:
- चिरायता ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
- यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय की कार्यप्रणाली को सुधारने में सहायक होता है।
चिरायता के क्या फायदे है? (What is Benefits of Chirata)
चिरायता के लाभ किन प्रकार के होते है, जो कि नीचे दिए गए है:
1. जोड़ों के दर्द और गठिया में चिरायता के फायदे
- चिरायता में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे यह गठिया (Arthritis) और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
- चिरायता का तेल मालिश के रूप में प्रयोग करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है|
2. बालों के लिए लाभकारी
- चिरायता का उपयोग बालों को मजबूत बनाने और डैंड्रफ को दूर करने में किया जाता है।
- चिरायता पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं।
3. मूत्र संक्रमण (UTI) को ठीक करता है
- चिरायता में डाययूरेटिक (मूत्रवर्धक) गुण होने के कारण यह मूत्राशय की समस्याओं को दूर करने में सहायता प्रदान करता है।
- चिरायता का काढ़ा बनाकर दिन में एक बार जरुर पिएं।
चिरायता के नुकसान (Side Effects of Chirata)
हालांकि चिरायता एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से चिरायता के दुष्प्रभाव भी हो सकते है:
- इसके स्वाद में अत्यधिक कड़वाहट होने के कारण उल्टी और मतली हो सकती है।
- लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इसका सेवन करने में सावधानी रखनी चाहिए।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- अत्यधिक मात्रा में चिरायता का सेवन करने से पेट दर्द या डायरिया भी हो सकता है।
- अगर किसी को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, तो चिरायता का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसका उपयोग करें।
चिरायता के घरेलू उपयोग क्या है? (Home Remedies of Chirata)
बुखार और मलेरिया में चिरायता का घरेलू उपयोग:
- 1 चम्मच सूखा चिरायता पाउडर लें।
- इसे 2 गिलास पानी में उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए।
- फिर इसे छानकर दिन में 2 बार जरुर पिएं।
डायबिटीज के लिए चिरायता की चाय:
- 1/2 चम्मच चिरायता पाउडर लें।
- फिर इसे गर्म पानी में डालकर 5 मिनट तक उबालें।
- छानकर सुबह खाली पेट पिएं।
त्वचा रोगों के लिए चिरायता का पेस्ट:
- 1 चम्मच चिरायता पाउडर में गुलाब जल मिलाएं।
- इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएं और 20 मिनट के बाद धो लें।
लीवर को डिटॉक्स करने के लिए:
- 1 चम्मच चिरायता पाउडर लें।
- इसे शहद के साथ मिलाकर रोज सुबह इसका सेवन करें।
पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए:
- 1 चम्मच चिरायता बीज को 2 कप पानी में उबालें|
- और इसे दिन में एक बार पिएं।