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Gorakhmundi an ayurvedic herb (गोरखमुंडी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी)

गोरखमुंडी :- गोरखमुंडी (Gorakhmundi) एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के चिकित्सक सदियों से इसका इस्तेमाल अपने मरीजों पर करते आ रहे हैं | गोरखमुण्डी का स्वाद कड़वा और तीखा होता है। इसके फूलों में भी यही गुण पाए जाते हैं। गोरखमुंडी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह जीवाणुरोधी (Anti Bacterial) एवं कवकरोधी (Anti Fungal) होता है।

वैज्ञानिक नाम (Botanical Name): Sphaeranthus Indus

आइए गोरखमुंडी के बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. गोरखमुंडी क्या है?

गोरखमुंडी का पौधा 30-60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है और जमीन पर फैला हुआ होता है, इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं और गोल घुंडियों में लगते हैं, इन्हीं गोल घुंडियों को  "मुंडी" कहा जाता है और यही औषधीय गुणों के लिए इस्तेमाल होती हैं | गोरखमुंडी की दो मुख्य प्रजातियां पाई जाती हैं |

2. गोरखमुंडी के फायदे :

* रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना : गोरखमुंडी में एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) और एंटी फंगल (anti fungal) गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं |

* पाचन क्रिया को सुधारना : गोरखमुंडी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है और कब्ज, बवासीर जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है |

* पीलिया का उपचार : गोरखमुंडी का इस्तेमाल पीलिया के इलाज में भी किया जाता है |

* त्वचा रोगों का उपचार : गोरखमुंडी त्वचा रोगों जैसे खुजली, दाद आदि से भी राहत दिलाने में मददगार मानी जाती है |

* जोड़ों का दर्द : गोरखमुंडी जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायक हो सकती है |

3. गोरखमुंडी के नुकसान :

गोरखमुंडी का सेवन आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन नुकसानदेह भी हो सकता है :

* गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं : गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गोरखमुंडी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर अभी और शोध की आवश्यकता है |

* अधिक मात्रा में सेवन : किसी भी दवा की तरह गोरखमुंडी का भी अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह हो सकता है | इसलिए सही मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए |

4. गोरखमुंडी का इस्तेमाल कैसे करें :

गोरखमुंडी का इस्तेमाल कई रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि:

* चूर्ण : गोरखमुंडी के सूखे पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लिया जाता है, इस चूर्ण को शहद या घी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है |

* काढ़ा : गोरखमुंडी की जड़ों या पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है | 

* कैप्सूल : आजकल गोरखमुंडी आसानी से कैप्सूल के रूप में भी बाजार में उपलब्ध हो जाती है |

गोरखमुंडी से सम्बन्धित प्रश्न कुछ इस प्रकार है :-

1. गोरखमुंडी का पाउडर क्या होता है?

गोरखमुंडी पाउडर गाउट के लिए हर्बल उपाय है। यह उच्च यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है। यह बवासीर पर प्रभावी है और किडनी स्वास्थ्य के लिए हर्बल उपचार भी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एनाल्जेसिक गुण होते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए बहुत अच्छे रक्त शोधक के रूप में कार्य करते हैं।

2. गोरखमुंडी क्या काम आती है?

आप भी गोरखमुण्डी से फायदे लेकर अनेक रोगों का इलाज कर सकते हैं। पतंजलि के अनुसार, गोरखमुण्डी तिल्ली (Spleen) विकार, पीलिया (Jaundice), पित्त विकार, वात विकार, कंठमाला, टीबी (क्षयरोग) और खुजली (Itching) आदि रोगों में बहुत लाभ पा सकते हैं।


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