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Gudmar a type of ayurvedic tree (गुड़मार एक प्रकार का आयुर्वेदिक पेड़)

गुड़मार (Sugar killer) :- गुड़मार एक प्रकार का आयुर्वेदिक पेड़ है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में हज़ारों साल से इसके पत्तों का उपयोग किया जाता आ रहा है। यह डायबिटीज, मलेरिया और सर्पदंश के इलाज में उपयोगी है। यह जड़ी-बूटी सक्कर  (Sugar) के अवशोषण को रोकने में मदद करती है। गुड़मार का उपयोग डायबिटीज के अलावा अन्य बीमारियों के उपचार के लिए भी किया जाता है जैसे- वजन कम करने और लिपिड कम करने में मदद करना आदि। इसके अलावा इसमें एंटीएलर्जेनिक और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। गुड़मार त्वचा में जलन और सूजन को कम करता है। इस तरह यह मुक्त कणों (Free Radicals) के हानिकारक प्रभावों से शरीर की रक्षा करने में मदद करता है। इसका उपयोग अस्थमा, आंखो की समस्याओं, ऑस्टियोपोरोसिस, हाइपरकोलेस्टेरोलिया, कार्डियोपैथी, कब्ज, माइक्रोबियल संक्रमण, अपच आदि के इलाज में किया जाता है। 

गुड़मार का वैज्ञानिक नाम है- जिमनामा सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre)।

गुड़मार पत्तियों के फायदे-

* गुड़मार है डायबिटीज में लाभदायक- 

गुड़मार में कुछ एंटी-एथेरोस्‍लेरोटिक गुण होते हैं, जिससे धमनियों में वसा के जमाव को रोकता है। इसके अलावा, गुड़मार रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। गुड़मार का सेवन लिपिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है। यह टाइप 2 डायबिटीज में बहुत लाभकारी है। गुड़मार की पत्तियों में ऐसे गुण होते हैं। जिससे मीठा खाने की तलब कम होती है। साथ ही इससे टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में हाइपरग्लायसेमिया नियंत्रित होता है। इस तरह यह टाइप 2 डायबिटीज को कम करने का कारगर उपचार है।

* गुड़मार रखे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित-

रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा  बहुत अधिक बढ़ने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। इसे कम करने के लिए दुनिया भर में गुड़मार का उपयोग किया जाता है। गुड़मार हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है। गुड़मार में कुछ एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल और आंतों में ट्राइग्लिसराइड के अवशोषण से बचाते हैं। इसके अलावा, यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और मीठा खाने की तलब रोकने में भी लाभकारी है। इससे वसा का अवशोषण और लिपिड स्तर प्रभावित हो सकता है।

 * गुड़मार करे ब्लड प्रेशर को कम-

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से भारत में 20 लाख से भी अधिक वयस्क प्रभावित होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण समस्या है जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा, हृदय रोग, और हृदय गति रुकना, किडनी का काम करना बंद होना और अन्य गंभीर स्थितियां पैदा होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, मतली, उल्टी, नाक से खून बहना आदि शामिल हैं। चूंकि गुड़मार में जिम्नेमिक नाम का एसिड होता है। जो शरीर में मौजूद प्रोटीन एंजियोटेंसिन (रक्तचाप को बढ़ाने के लिए जाना जाता है) की गतिविधि रोकने में मदद करता है। जिससे ब्लड प्रेशर कम करने में बहुत मदद मिलती है।

 * गुड़मार है पीसीओडी में उपयोगी-

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) से जुड़ी समस्या है। इसमें महिलाओं में यौन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। यह समस्या आम तौर पर मोटापे की शिकार महिलाओं में पाई जाती है। उनमें से 30-40 प्रतिशत महिलाएं ग्लूकोज सहिष्णुता के स्तर से प्रभावित पाई जाती हैं। गुड़मार में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो कार्बोहाइड्रेट और शर्करा खाने की तलब को कम करते हैं। जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है।

गुडमार पंचांग (Gudmar Panchang) के फायदे, नुकसान और उपयोग

गुड मार (Gymnema Sylvestre) के पत्तों से बना एक आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है जिसे गुडमार पंचांग कहा जाता है। इसमें गुडमार के पत्तों के अलावा चार अन्य जड़ी- बूटियों को भी मिलाया जा सकता है, हालांकि इनके मिश्रण में थोड़ा बदलाव हो सकता है।

संभावित फायदे (Potential Benefits):

* मधुमेह नियंत्रण:  गुडमार में जिम्नेमिक एसिड (Gymnemic Acid) नामक तत्व होता है, जो मीठा स्वाद ग्रहण करने की क्षमता को अवरुद्ध कर सकता है। इससे मधुमेह रोगियों में मीठे खाने की तलब कम हो सकती है और रक्त शर्करा नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।  हालांकि, अभी और शोध की आवश्यकता है।

* पाचन क्रिया में सुधार: गुडमार पंचांग पाचन क्रिया को सुधारने और कब्ज दूर करने में मददगार माना जाता है।

* वजन कम करना:  गुडमार चयापचय को बढ़ाकर और मीठा खाने की मात्रा कम करके वजन कम करने में सहायक हो सकता है।

* अन्य संभावित लाभ:  कुछ अध्ययन बताते हैं कि गुडमार पंचांग कोलेस्ट्रॉल कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और सूजन कम करने में भी मदद कर सकता है। हालांकि, और अधिक शोध की आवश्यकता है।

संभावित नुकसान (Potential Side Effects):

* गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गुडमार पंचांग का सेवन नहीं करना चाहिए।

* कुछ लोगों को गुडमार पंचांग से दस्त, पेट की जलन या गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

* यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं, तो गुडमार पंचांग का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

उपयोग (How to Use):

गुडमार पंचांग का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है, आमतौर पर इसे:

* चूर्ण के रूप में: 1-3 ग्राम गुडमार पंचांग चूर्ण को गर्म पानी के साथ दिन में 1-2 बार लिया जा सकता है।

* काढ़े के रूप में: 1 चम्मच गुडमार पंचांग को एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है। इसे छानकर दिन में 1-2 बार पिया जा सकता है।

गुडमार पाउडर (Gudmar Powder) :

गुडमार (Gymnema Sylvestre) एक औषधीय पौधा है, जिसके पत्तों से बना पाउडर मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है।

गुडमार पाउडर के संभावित फायदे (Potential Benefits of Gudmar Powder):

* मधुमेह नियंत्रण: गुडमार में जिम्नेमिक एसिड (Gymnemic Acid) नामक तत्व होता है, जो मीठा स्वाद ग्रहण करने की क्षमता को अवरुद्ध कर सकता है। इससे मधुमेह रोगियों में मीठे * खाने की तलब कम हो सकती है और रक्त शर्करा नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

* वजन कम करना: गुडमार चयापचय को बढ़ाकर और भूख को कम करके वजन कम करने में सहायक हो सकता है।

* पाचन क्रिया में सुधार: गुडमार पाउडर पाचन क्रिया को सुधारने और कब्ज दूर करने में मददगार माना जाता है।

* अन्य संभावित लाभ: कुछ अध्ययन बताते हैं कि गुडमार पाउडर कोलेस्ट्रॉल कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और सूजन कम करने में भी मदद कर सकता है।

 हालांकि, गुडमार पाउडर के लाभों के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।  

निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है:

* गुडमार पाउडर गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है।

* कुछ लोगों को गुडमार पाउडर से दस्त, पेट की जलन या गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

*यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं, तो गुडमार पाउडर का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

* गुडमार पाउडर मधुमेह की दवाओं के स्थान पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

गुडमार पाउडर का सेवन कैसे करें (Dosage):

गुडमार पाउडर की मात्रा उस उत्पाद के अनुसार भिन्न हो सकती है जिसे आप ले रहे हैं।  इसलिए उत्पाद लेबल पर दिए निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। आमतौर पर गुडमार पाउडर की खुराक 1 ग्राम से 3 ग्राम दैनिक तक बताई जा सकती है।

सामान्य तौर पर, डॉक्टर से परामर्श के बिना किसी भी जड़ी बूटी या उसके पाउडर का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत स्थिति का आकलन कर सकते हैं और आपको बता सकते हैं कि गुडमार पाउडर आपके लिए उपयुक्त है या नहीं और सही मात्रा क्या है।

गुडमार पाउडर का उपयोग करने के कुछ तरीके:

* पानी के साथ: आप 1-3 ग्राम गुडमार पाउडर को गर्म पानी के साथ मिलाकर दिन में 1-2 बार ले सकते हैं।

* दूध के साथ: आप 1-3 ग्राम गुडमार पाउडर को गर्म दूध के साथ मिलाकर दिन में 1-2 बार ले सकते हैं।

* चाय में: आप 1/2 ग्राम गुडमार पाउडर को अपनी चाय में मिलाकर दिन में 1-2 बार पी सकते हैं।

गुरमार  से सम्बन्धित प्रश्न कुछ इस प्रकार है :-

1. क्या गुरमार ब्लड शुगर कम करता है?

इसे गुड़मार भी कहा जाता है, जिसका हिंदी अर्थ है "चीनी को नष्ट करने वाला"। आपके स्वाद कलिकाओं पर इसके प्रभाव के समान, जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे आपकी आंतों में रिसेप्टर्स को भी अवरुद्ध कर सकता है और इसी प्रकार चीनी अवशोषण, आपके भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है ।

2. गुड़मार का दूसरा नाम क्या है?

विश्‍व में पाये जाने वाले अनेकों बहुमूल्‍य औषधीय पौधों में गुड़मार एक बहुउपयोगी औषधीय पौधा है। इसका वानस्‍पतिक नाम जिमनिमा सिलवेस्‍ट्री है। यह एस्‍कलपिडेसी कुल का सदस्‍य है। 

3. गुडमार पाउडर कैसे लेते हैं?

गुडमार पाउडर का सेवन करने के लिए निम्नलिखित तरीके हो सकते हैं:

* गरम पानी के साथ: एक छोटी चमच गुड़मार पाउडर को गरम पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिल सकता है।

* दूध के साथ: गुड़मार पाउडर को दूध के साथ मिलाकर पीना भी एक तरीका हो सकता है।

* पानी के साथ: आप गुड़मार पाउडर को सामान्य पानी में भी मिलाकर पी सकते हैं।

* खाने के साथ: कई लोग अपने खाने के साथ गुड़मार पाउडर का सेवन करते हैं।

* चय/कॉफी में: अन्य लोग अपनी चय या कॉफी में भी गुड़मार पाउडर मिलाते हैं।

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